कैसे प्राप्त की जाती मां अष्ट तारा सिध्दि
मां अष्ट तारा सिध्दि एक गुप्त व गोपनीय मार्ग है जिसपर वही साधक चल सकता है जिसने काली कुल के अधीन मंत्र या पूर्ण दीक्षा प्राप्त की हो
गुरु जी स्वामी कलिकेश जी ने काली कुल के अधीन काल पंथ की स्थापना की वर्ष 2012 में की थी
स्वामी कलिकेश गुरु जी ने अपनी साधना से मां तारा के साक्षात दर्शन प्राप्त कर अष्ट तारा के गुप्त मंत्रों को प्राप्त किया
यदि कोई साधक गुरु जी से मां तारा के मंत्रों की दीक्षा प्राप्त करता है
तो उसको किसी भी प्रकार के नियम व बंधन में बंधने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मंत्र दीक्षा पूर्ण दीक्षा नहीं होती है
इस मंत्र दीक्षा अष्ट तारा साधना को महिलाएं भी कर सकती है क्योंकि इसमें कोई भी मासिक धर्म की बाध्यता नहीं होती
इस साधना में आपको किसी भी प्रकार के विशेष आहार जैसे मांस या मदिरा का सेवन या भोग को ग्रहण व अर्पण करने की आवश्यकता नहीं होती है
मां को सात्त्विक भोग ही अर्पण किया जाता है
क्या लाभ होते है मां अष्ट तारा सिध्दि दीक्षा साधना से
मां अष्ट तारा सिद्धि मंत्र दीक्षा ग्रहण करने के बाद कोई भी साधारण मनुष्य
मां तारा के दर्शन प्राप्त कर सकता है मां से आशीर्वाद प्राप्त कर अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकता है
मां तारा की गुप्त मंत्र क्रिया कर अपने जीवन में सभी प्रकार के सुख व समृद्धि को प्राप्त कर सकते है अपने व्यवसाय को बढ़ा सकता है साथ ही साथ असाधारण रूप से अपने व्यवसाय के लिए ग्राहकों को आकर्षित कर सकता है
उग्र तारा मंत्र क्रिया कर अपने व किसी भी अन्य के ऊपर से शत्रुओं व प्रेत बाधाओं के दुष्प्रभाव को हमेशा के लिए समाप्त कर सकता है
महोग्र तारा मंत्र क्रिया द्वारा तप व योग के द्वारा आलौकिक शक्तियों को प्राप्त कर सकता है
वज्र तारा मंत्र क्रिया द्वारा बुरी नजर , टोने टोटके , काले जादू जैसे बाधाओं को सदैव के लिए अपने व दूसरों के ऊपर से समाप्त कर सकता है
नील तारा मंत्र क्रिया द्वारा दिव्य दृष्टि को धारण कर सकता है आज्ञा चक्र को जागृत कर आलौकिक शक्तियों को प्राप्त कर कुंडलिनी शक्ति को जागृत कर सकता है
सरस्वती तारा मंत्र क्रिया आध्यात्मिक ज्ञान की वृद्धि करता है ज्योतिष ज्ञान की वृद्धि होती है
कामेश्वरी तारा मंत्र क्रिया द्वारा अपने हित में किसी भी व्यक्ति को वश में कर सकता है साथ ही साथ मोहिनी शक्ति के द्वारा समूह वशीकरण कर अपने व्यापार के लिए ग्राहकों की संख्या को बढ़ा सकता है
भद्र काली-चामुंडा तारा मंत्र क्रिया द्वारा साधक अपने व अपने परिवार के लिए सुरक्षा कवच तैयार कर सकता है जिससे हर प्रकार के दुख व दर्द से सुरक्षा हो सकती है